वन विभाग डाल डाल तो बाघ पात पात यही हो दो माह से
पुनीत संदेश
काकोरी। राहमानखेड़ा संस्थान के जंगल में ठिकाना बनाए बाघ वन विभाग की हर चाल को नाकाम कर रहा है। मंगलवार रात बाघ संस्थान में लगे पिंजरे के पास तो आया लेकिन भैस के बच्चे का शिकार करने भीतर नहीं घुसा। जंगल में पिंजरे के पास लगे कैमरों में बाघ नजर आया है।वन विभाग ने मंगलवार को कही पडवे को बांधा तो कही बकरे को बांधा है।अफसरों का तर्क है कि बकरे के शांत रहने से बाघ भीतर नहीं घुसा। बकरा आवाज करेगा, जिसे सुनकर बाघ शिकार करने पिंजरे में आएगा। बाघ को फंसाने के लिए पिंजरे के आसपास तरह तरह के उपाय अपनाकर पिंजरे में फसाने की जुगुत में वन विभाग जुटा हुआ है। वहीं मंगलवार रात भी ग्रामीणों को बाघ की दहाड़ सुनाई - देती रही। उलारपुर गांव के बाहर जंगल में बाघ के नए पगचिह्न पाए गए हैं।
वन विभाग ने मिठेनगर और उलारपुर, दुगौली के बाहर जंगल के पास पिंजरा लगाया। इसके पास कैमरे भी लगाए गए। पिंजरे में बाघ को फंसाने के लिए बकरा बांध गया, लेकिन बाघ पिंजरे में नहीं फंसा। वन विभाग के अफसरों ने कैमरों की फुटेज खंगाली तो उसमें बाघ नजर आया। वह पिंजरे के पास तक आकर लौट गया। उधर ग्रामीण भगौती व सोनू ने बताया कि मंगलवार रात भी बाघ दहाड़ता रहा। शाम को 6 बजे और सुबह छह बजे बाघ की दहाड़ काफी तेज थी। इससे खौफजदा ग्रामीण रात भर जागते रहे। दिन में भी खेतों की ओर ग्रामीण नहीं गए।
----भाग निकले जंगली सुअर और छुट्टा मवेशी--- जंगल के किनारे बसे कई गांवों के लोगों ने बताया कि बाघ की दहशत तो है, लेकिन बाघ की आमद से जंगली सुअर, छुट्टा मवेशी और बंदर क्षेत्र से भाग गए हैं। जंगली सुअर और छुट्टा मवेशी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते है।
----थर्मल ड्रोन से बाघ की लोकेशन तलाशने में जुटा वन विभाग----
बाघ के लगातार पगचिह्न मिलने से स्पष्ट है कि वह इलाके में ही मौजूद है। वन विभाग के अफसर भी मानते हैं कि बाघ ने राहमानखेड़ा व मिठेनगर, दुगौली,उलारपुर के आसपास अपना ठिकाना बनाया है। ग्रामीणों के मुताबिक ऐसी दशा में थर्मल ड्रोन कैमरे से बाघ की लोकेशन पता लगा कर ट्रैकुलाइज किया जा सकता लेकिन डॉक्टरों का निशाना चूक जा रहा ये बड़ी लापरवाही बरत रहे हैं।
Created On: February 26, 2025