एआईजी जेल ने चौपट की कारागार मुख्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था!
अराजपत्रित महिला कर्मी के अंडर में राजपत्रित अधिकारी की तैनाती
महिला कर्मियों की अटेंडेंस लग रही एआईजी कैंप कार्यालय में
पुनीत संदेश
लखनऊ। अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन (एआईजी प्रशासन) ने कारागार मुख्यालय की व्यवस्थाओं को अस्त व्यस्त कर दिया है। यह बात सुनने और पढ़ने में भले ही अटपटी लगे किन्तु एआईजी प्रशासन की कार्यप्रणाली ने इसे सच साबित करती नजर आ रही है। कारागार मुख्यालय में एआईजी प्रशासन के मनमाने रवैए की वजह से एक राजपत्रित अधिकारी अराजपत्रित महिला कर्मी के अंडर में काम कर रहा है। यही नहीं दो महिला कर्मियों की अटेंडेंस एआईजी कैंप कार्यालय और अन्य कर्मियों की अलग रजिस्टर में लगवाई जा रही है।एआईजी प्रशासन का अटेंडेंस को लेकर लिया गया यह निर्णय मुख्यालय कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एआईजी प्रशासन ने विभागीय जानकारी नहीं होने की वजह से कारागार मुख्यालय कारागार विभाग को पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को अस्त व्यस्त कर रखा है। एआईजी ने कृषि अनुभाग में तैनात अराजपत्रित महिला के अंडर में एक राजपत्रित अधिकारी को लगा रखा काम है। इसके साथ ही कर्मियों की अटेंडेंस में भी पक्षपात किया जा रहा है। बताया गया है कि मुख्यालय में राजपत्रित अधिकारियों और अराजपत्रित कर्मियों की अटेंडेंस के अलग अलग रजिस्टर बना रखे गए है। बताया गया है कि दो अराजपत्रित महिला कर्मी प्रतिमा त्रिपाठी और शिवानी वर्मा की अटेंडेंस एआईजी प्रशासन के कैंप कार्यालय में लगवाई जा रही है। प्रतिमा त्रिपाठी ओएसडी मानव संपदा के पद पर तैनात है काम वह कृषि अनुभाग में कर रही है। यह नियुक्ति के बाद से ही कृषि अनुभाग में ही तैनात है। इन दोनों महिला कर्मियों के मुख्यालय आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। यह दोपहर 12 बजे आती हैं और शाम चार बजे ही निकल जाती है। दिलचस्प बात यह है कि कृषि अनुभाग में तैनात महिला कर्मी को रवि और खरीफ की फसल तक की कोई जानकारी नहीं है।
इसी प्रकार कारागार मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक को स्टेनो अनुमन्य नहीं है। इसके बावजूद उन्होने वरिष्ठ अधीक्षक को बतौर स्टेनो एक बाबू दे रखा गया है। कारागार मुख्यालय समेत प्रदेश की समस्त जेलों की प्रशासनिक व्यवस्था संभाल रहे एआईजी प्रशासन को कारागार मुख्यालय के विधि प्रकोष्ठ, लीगल, कृषि, गोपनीय अनुभाग समेत अन्य कई अनुभागों में वर्षों से जमे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, प्रधान सहायक दिखाई नहीं पड़ते है। लंबे समय से एक स्थान पर जमे होने से इन बाबुओं का मुख्यालय में कॉकस बना हुआ है। इससे मुख्यालय की गोपनीयता प्रभावित हो रही है।
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जवाब देने से बचते नजर आए एआईजी जेल प्रशासन
कारागार मुख्यालय में व्याप्त अनियमिताओं और भ्रष्टाचार के संबंध में जब महानिरीक्षक कारागार प्रशासन धर्मेंद्र सिंह से उनके सीयूजी नंबर (9454418152) पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला। जब उनके निजी फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कई प्रयासों के बाद भी फोन ही नहीं उठा। उनके निजी फोन पर जब विभिन्न मुद्दों को लेकर मैसेज किया गया तो उन्होंने जवाब देने के बजाए वाट्सअप को ही बंद कर दिया। प्रदेश की लोकप्रिय योगी सरकार की नौकरशाह सरकार के सराहनीय कार्यों और उपलब्धियों पर पलीता लगा रहे हैं।
Created On: February 27, 2025