श्रीलंका, नेपाल एवं देश के 06 राज्यों और राम वन-गमन पथ समेत 10 स्थानों पर होगा आयोजन
29 मार्च को जम्मू में होगा अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉक्लेव की श्रृंखला का समापन
पुनीत संदेश/अंकित राठौड़
लखनऊ : 25 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या एवं रामायण मेला आयोजन समिति, श्रृंगवेरपुरधाम, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में 26 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव की श्रृंखला का प्रथम आयोजन हो रहा है।
पर्यटन सुविधा केन्द्र स्थल, श्रृंगवेरपुरधाम, प्रयागराज में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रयागराज से विधायक गुरु प्रसाद मौर्य करेंगे, जबकि फूलपुर, प्रयागराज से सांसद प्रवीण पटेल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। कॉन्क्लेव का आयोजन श्रीलंका, नेपाल एवं देश के 06 राज्यों व राम वन-गमन पथ समेत 10 स्थानों पर किया जा रहा है। इसमें देश एवं प्रदेश के युवाओं सहित समस्त नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
कॉन्क्लेव में होने वाले संत-विद्वत समागम में हनुमान गढ़ी रामचौरा घाट, श्रृंगवेरपुरधाम के महंत स्वामी श्री कमल दास जी महाराज, गऊघाट, श्रृंगवेरपुरधाम के स्वामी जयराम दास महाराज, राष्ट्रीय रामायण मेला, श्रृंगवेरपुरधाम के अध्यक्ष डॉ. बालकृष्ण पाण्डेय एवं समाजसेवी विवेक तिवारी सम्मिलित होंगे। रामायण-वेद गान और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, प्रदर्शनी, काव्यार्चन एवं प्रवचन के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। इस कड़ी में गाजीपुर के मनोहर सिंह एवं उनका दल भक्ति-भजनों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बनाएगा। श्रीमती कुमकुम आदर्श एवं उनका दल शिव-शक्ति नृत्य नाटिका का मंचन करेगा। निधि तिवारी की टीम भी नृत्य नाटिका का मंचन करेगी और महन्त लाल अपने दल के साथ वादन ढोलताशा की प्रस्तुति देंगे।
सभी वर्गों की भागीदारी बढ़ाने की दृष्टि से स्थानीय हायर सेकेंडरी स्कूल, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालयों, विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों आदि को भी कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। प्रयागराज के पश्चात रामायण कॉन्क्लेव की यह धार्मिक यात्रा 01 और 02 मार्च को चित्रकूट, 07 और 08 मार्च को नागपुर के रामटेक, 18 मार्च को हम्पी, कर्नाटक, 21 और 22 मार्च को रामेश्वरम, 26 मार्च को श्रीलंका पहुंचेगी और 29 मार्च को जम्मू आकर यात्रा का समापन होगा।
इस संबंध में प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह जी ने बताया कि यह कॉन्क्लेव संत और विद्वानों के समागम का अच्छा अवसर है। ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन प्रसंगों से प्रेरित होगी।
परमहंस योगानंद की जन्मस्थली का होगा विकास, पर्यटन विभाग का प्रयास
27.68 करोड़ रुपए से विकसित होंगी पर्यटक सुविधाएं, विभाग द्वारा 05 करोड़ रुपए जारी
योग गुरु परमहंस योगानंद ने दुनिया को पढ़ाया योग का पाठ : जयवीर सिंह
पुनीत संदेश
लखनऊ । 25 फरवरी, 2025।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में स्थित परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली का विकास किया जाएगा। पर्यटन विभाग यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास करेगा। इसके लिए 27.68 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए, जिसमें 05 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। यह जानकारी उ0प्र0 के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले परमहंस योगानंद का जन्म उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर हुआ था। भारत के अलावा अन्य देशों में भी बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हैं। योगानंद जी की जन्मस्थली गोरखपुर शहर में कोतवाली के समीप स्थित है। पर्यटन विभाग गर्भगृह को संरक्षित रखते हुए यहां का विकास करेगा।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली पर ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर बनाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर हॉल, कमरे बनाए जाएंगे। प्रथम तल पर बड़े हॉल, कमरे आदि का निर्माण होगा। इसी तरह, दूसरे तल पर भी विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। भवन में लिफ्ट की सुविधा भी रहेगी।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभाग इस योजना को लेकर काफी उत्साहित है। योगानंद जी की जन्मस्थली के विकास से जिले में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है, कि हाल के वर्षों में गोरखपुर महत्वपूर्ण गन्तव्य स्थल के रूप में उभरा है। बीते वर्ष यहां 36,15,917 पर्यटक आए थे, जिसमें लगभग 3,000 विदेशी आगंतुक थे। योगानंद जी की जन्मस्थली का विकास होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। क्योंकि विदेशों में उनके लाखों अनुयायी हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अभी हम घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर हैं। विदेश पर्यटकों के आगमन में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
Created On: February 26, 2025