25 हजार दीजिए विभागीय कार्रवाई से दोषमुक्त हो जाइए!
आईजी जेल का मातहत अधिकारियों कर्मियों पर कोई नियंत्रण नहीं
आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी कैंप कार्यालय में चल रहा अवैध वसूली का बड़ा खेल
मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत से हुआ सनसनीखेज खुलासा
पुनीत संदेश
लखनऊ। प्रदेश के कारागार विभाग में मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। विभाग के मुखिया (आईजी जेल) का मातहत अधिकारियों और कर्मियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। इस विभाग में विभागीय कार्रवाई को खत्म कराने के लिए खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है। विभाग में 20 से 25 हजार रुपए लेकर विभागीय कार्रवाई खत्म की जा रही है। इस कार्रवाई से विभाग में भ्रष्टाचार रुकने के बजाए और बढ़ रहा है। इस सच का खुलासा प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत से हुआ है। उधर मुख्यालय के आला अफसर अब इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
मामला आगरा जेल परिक्षेत्र के कैंप कार्यालय से जुड़ा हुआ है। इस परिक्षेत्र के डीआईजी का कैंप कार्यालय में तैनात बाबुओं पर कोई नियंत्रण नहीं है। यही वजह है कि आगरा परिक्षेत्र का कैंप कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। मुख्यमंत्री, महानिदेशक व महानिरीक्षक कारागार को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि आगरा जेल परिक्षेत्र का बाबू पंकज शर्मा विभाग के हेड वार्डर, वार्डर की विभागीय कार्रवाई निस्तारित करने एवं उनको दोषमुक्त करने के लिए 20 से 25 हजार रुपए की अवैध वसूली कर रहा है। इन सुरक्षाकर्मियों को दोषमुक्त तब किया जा रहा है जब जांच अधिकारी जेल अधीक्षक ने उन्हें दोषी ठहराया है।
ऐसा मामला गाजियाबाद जेल में तैनात तीन महिला वार्डर को दोषमुक्त करने के लिए आगरा उप महानिरीक्षक कार्यालय में तैनात बाबू पंकज शर्मा ने पैसा तीन में से एक महिला वार्डर को दोषमुक्त किया गया है। दो महिला वार्डर को दोषमुक्त करने की डीलिंग हो चुकी है। जबकि शिकायत में एक महिला वार्डर पर अपने भाई के खाते में पैसा लेने की बात कही गई है जिसका प्रमाण आज तक उसने नहीं दिया है। इसी आधार पर जांच अधिकारी (अधीक्षक) ने इन महिलाकर्मियों पर दंडात्मक की गई थी। लेकिन डीआईजी कैंप कार्यालय में तैनात बाबू पंकज शर्मा ने पैसा लेकर इनको दोषमुक्त किया है। शिकायत में कहा गया है कि उक्त सिपाहियों के दंड की बगैर जांच किए केवल चेतावनी देकर छोड़ा जा रहा है। पत्र में डीआईजी कैंप कार्यालय में चल रहे गैंग को खत्म करने की मांग की गई है। इस संबंध में आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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बाबुओं की ऊंची पहुंच के आगे शासन मुख्यालय नतमस्तक!
शासन और मुख्यालय में आपको सेटिंग गेटिंग हो तो आपका ट्रांसफर नहीं होगा। यह बात आगरा जेल परिक्षेत्र के बाबुओं पर एकदम फिट साबित होती है। इस कार्यालय में 20 साल से तैनात वरिष्ठ सहायक महिला बाबू रंजना कमलेश का दो प्रमोशन के बाद भी तबादला नहीं किया गया है। महिला बाबू डंके की चोट पर कर्मियों से दावा करती है कि शासन मुख्यालय में अच्छी पकड़ होने से उसका कोई तबादला करा ही नहीं पाएगा। इसी प्रकार लंबे समय से तैनात बाबू पंकज शर्मा ने इसी कार्यालय में रहकर अकूत संपति हासिल की है। इसकी जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी सामने आ जाएगा। यह बाबू कार्यालय में तैनात अन्य कर्मियों के हिस्से तक को हजम कर जाते है। इससे आए दिन परिक्षेत्र के कार्यालय में हंगामा होता रहता है। परिक्षेत्र के डीआईजी समेत अन्य आला अफसर सब कुछ जानकर अंजान बने हुए है। बाबुओं पर कोई अंकुश नहीं होने से आगरा परिक्षेत्र का यह कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
Created On: March 06, 2025