शिवरात्रि के महापर्व पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मनाई गई पुण्यतिथि
कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन, अतिथियों को किया गया सम्मानित
पुनीत संदेश/ संदीप कुमार मिश्र
पाटन उन्नाव। शिवरात्रि के महापर्व के अवसर पर बाबा लोधेश्वर महादेव एवं संतोषी माता के 44 वें वार्षिकोत्सव पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें ओज ,श्रृंगार, हास्य, व्यंग के कवियों ने कविता पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
तहसील बीघापुर मुख्यालय पाटन के अंतर्गत ग्राम सभा भक्ति में बाबा लोधेश्वर महादेव एवं संतोषी माता मंदिर प्रांगण में शिवरात्रि महापर्व के 44 में वार्षिकोत्सव पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित गया दिन अवस्थी युवा स्वर्गीय पंडित वृंदावन स्वास्थ्य की पूर्ण स्मृति में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गणेश नारायण शुक्ला स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर किया गया। कवि कमलेश शुक्ला की वाणी वंदना से कब सम्मेलन का आगाज हुआ। बाराबंकी से आए कवि दुष्यंत शुक्ला सिंह नादी ने कविता पाठ करते हुए कहा बुजदिल है वह मानो जिसमें देश प्रेम का ज्वार नहीं, वो कायर है जिसको अपनी मातृभूमि से प्यार नहीं। उन्नाव जनपद की माटी से आए कवि संजीव तिवारी पिंटू ने अपने कविता पाठ से खूब वह ही लूटी कविता कहते हुए कहा चल पछुआ बयरिया डोलि डोलि कै, रंगु छिन कति है हम पर घोलि- घोलि कै। जनपद रायबरेली की माटी से पधारे हास्य व्यंग के मां सरस्वती के बरद पुत्र मधु श्रीवास्तव नर कंकाल ने कविता पाठ करते हुए कहा,संगम में कूदने वाले तेरी आंखों की गहराई में कूद गए, माला क्या बेचने आई बहुतों के हाथ से माला छूट गए कविता को श्रोंताओं ने खूब सराहा। वाई पी सिंह ने कविता पाठ करते हुए कहा परहित में रहने लगे जिनके दोनों हाथ, करता उन पर ही दया सदा त्रिलोकी नाथ। भारत सिंह सरल ने कविता पाठ करते हुए कुछ यूं कहा ,न ही धन चाहिए न रतन चाहिए, नहीं गुलशन का कोई चमन चाहिए। बाराबंकी से आए कल संदीप अनुरागी ने कविता पाठ करते हुए कहा कि ,अतना ज्यादा चोटानि छोटे, सब खाना पानी भूल है। कवि श्रेष्ठ रामेश्वर द्विवेदी प्रलयंकर ने ब्राह्मण कुलभूषण प्रेरणा श्रोत स्वर्गीय जागेश्वर प्रसाद स्वास्थी को संबोधित करते हुए कविता पाठ किया है। डॉ विनय भदौरिया तथा नरेंद्र आनंद, रामकरण सिंह मृदुल ने भी कविता पाठ किया जो खूब सराही गई। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता स्वामी ब्रह्मात्मानंद सरस्वती तथा संचालन कवि योगेंद्र प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि डॉक्टर गणेश नारायण शुक्ला तथा अध्यक्ष सरस्वती जी ने संबोधित किया और कहा कि कवि सम्मेलन की यह परंपरा वर्षों पुरानी है जो आज भी जीवंत है जो समाज को एक दिशा देने का कार्य करती है। इस अवसर पर ब्राह्मण उत्थान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडे, शिक्षक रमेश सिंह, योगेश बाजपेई, सुधीर शर्मा, डॉक्टर महादेव प्रसाद, अभिषेक अस्वस्थी, विष्णु मोहन, सुरेश अवस्थी, वीरेंद्र अवस्थी, ओंकार, विकास, संजय मिश्रा ,राकेश चंद रमेश चंद गिरी प्रताप सिंह बबलू सिंह आदि उपस्थित रहे। आए हुए अतिथियों का कवियों का अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह व मालिया पढ़कर आयोजक मंडल द्वारा स्वागत सम्मान किया गया।
Created On: February 27, 2025