उत्तर प्रदेश बना देश का शीर्ष पर्यटन गंतव्य
पुनीत संदेश/अंकित राठौड़
लखनऊ। 24 मार्च 2025। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विकास प्रयासों ने प्रदेश को देश का शीर्ष पर्यटन स्थल बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में पर्यटन सुविधाओं में निरंतर सुधार हुआ है। 2017 में 24 करोड़ पर्यटकों के मुकाबले 2024 में यह संख्या 65 करोड़ तक पहुंच गई।
मेगा पर्यटन सर्किट और ऐतिहासिक स्थलों का विकास
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य में 12 मेगा पर्यटन सर्किट विकसित किए गए हैं, जिनमें धार्मिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक और एडवेंचर टूरिज्म को शामिल किया गया है। बुंदेलखंड के किले, थारू जनजातीय संस्कृति, नैमिषारण्य, श्रावस्ती, दुधवा और विन्ध्य वन्यजीव अभयारण्य विशेष आकर्षण बन रहे हैं।
महाकुंभ 2025 और पर्यटन में नए आयाम
महाकुंभ 2025 में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान उत्तर प्रदेश दर्शन मंडपम, वाटर लेजर शो, ड्रोन शो और भव्य टेंट सिटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
डिजिटल और बुनियादी ढांचे में सुधार
पीएम गति शक्ति पोर्टल पर 538 पर्यटन स्थलों और 678 परिसंपत्तियों को अपलोड किया गया। होटलों की स्टार ग्रेडिंग व्यवस्था लागू की गई और पर्यटन विभाग का पुनर्गठन किया जा रहा है।
पर्यटन योजनाओं का विस्तार
स्वदेश दर्शन योजना: अयोध्या, चित्रकूट, कुशीनगर, कपिलवस्तु और श्रावस्ती के विकास हेतु 284.55 करोड़ रुपये स्वीकृत।
प्रसाद योजना: धार्मिक स्थलों के पर्यटन विकास के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित।
रोपवे परियोजनाएं: चित्रकूट और विंध्याचल में संचालित, महोबा और चित्रकूट के अन्य स्थानों पर कार्य प्रगति पर।
पर्यटन आवास गृह: 30 साल के लीज पर निजी निवेशकों को सौंपने की योजना, 12 आवास गृहों के अनुबंध निष्पादित।
ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण: चुनार फोर्ट, बरुआ सागर किला, छतर मंजिल सहित 13 किलों और महलों के पुनर्विकास की योजना।
पर्यटन में रोजगार और निवेश वृद्धि
उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के तहत 1,183 पर्यटन इकाइयों को पंजीकृत कर 27,575.93 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। जल आधारित पर्यटन और साहसिक खेलों के लिए नई नीति लागू की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
उत्तर प्रदेश ने अरबियन ट्रैवल मार्केट (दुबई), आईटीबी सिंगापुर, डब्ल्यूटीएम लंदन, फितूर-2025 (स्पेन) जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लिया। राष्ट्रीय स्तर पर आयटो कन्वेंशन भोपाल, जीआईटीबी जयपुर, आईटीएम लखनऊ जैसे आयोजनों में राज्य की पर्यटन संभावनाओं का प्रचार किया गया।
ग्रामीण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा
प्रदेश के 75 जिलों में युवा पर्यटन क्लब बनाए गए हैं। 229 विशिष्ट ग्रामों का चयन कर ग्रामीण पर्यटन को विकसित किया जा रहा है। वाराणसी और बागपत के गांवों को बेस्ट टूरिज्म विलेज अवॉर्ड मिला है।
दीपोत्सव और देव दीपावली के विश्व रिकॉर्ड
अयोध्या के दीपोत्सव ने 2024 में 25.12 लाख दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। काशी में देव दीपावली का आयोजन भव्य रूप से किया गया।
डॉ अजय कुमार सिंह सामाजिक कार्यकर्ता लखनऊ ने कहा कि
उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य न केवल पर्यटन बल्कि ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को भी साकार करने की दिशा में अग्रसर है। भाजपा नेता इंजीनियर अमरपाल सिंह राठौड़ ने कहा पर्यटन विभाग ने वह कर दिखाया जो और मंत्रालयों के बस की बात नहीं है।
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पत्र सूचना शाखा
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग उत्तर प्रदेश
छह दिवसीय ‘निर्गुण त्रिधारा भक्ति उत्सव’ का शुभारंभ वाराणसी में मंगलवार से
संतों की विचारधारा पर आधारित ऐसे भक्ति उत्सव समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत-जयवीर सिंह
स्वस्तिका सिंह चेतना
लखनऊ। 24 मार्च, 2025
संत कबीर, संत रविदास और गोरखनाथ की भक्ति परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से छह दिवसीय निर्गुण त्रिधारा भक्ति उत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है। यह भव्य उत्सव मंगलवार, 25 मार्च से वाराणसी में संत कबीर की जन्मस्थली लहरतारा से प्रारंभ होगा और 30 मार्च को मगहर में समाप्त होगा।
इस उत्सव का आयोजन संत कबीर अकादमी, संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है। लहरतारा में आयोजित उद्घाटन समारोह में जलज श्रीवास्तव एवं उनके मठ द्वारा निर्गुण गायन की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके साथ ही मंदिर के स्थानीय कलाकारों एवं मऊ से आए बेचन जी द्वारा भी निर्गुण भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।
संत कबीर ने अपने दोहों और रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त अंधविश्वास, पाखंड, जातिवाद और ढोंग का विरोध किया। उनकी विचारधारा आज भी समाज के लिए प्रासंगिक बनी हुई है। इस उत्सव में विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी संतों के विचारों को प्रदर्शित करने हेतु विशेष प्रस्तुतियां देंगे।
25 मार्च से लेकर 30 मार्च तक भक्ति उत्सव की श्रृंखला प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में चलेगी। 26 मार्च को अस्सी घाट, वाराणसी से बढ़कर 27 मार्च को महंत दिग्विजय नाथ पार्क, गोरखपुर 28 मार्च को पं0 दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के बाद 29 व 30 मार्च को संत कबीर अकादमी प्रेक्षागृह, मगहर में जाकर समाप्त होगी।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में बताया कि अहिंसा, सत्य और सदाचार के प्रतीक संतों की विचारधारा पर आधारित ऐसे भक्ति उत्सव समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। इससे समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत होगी और नई पीढ़ी को संतों के जीवन से सीखने का अवसर मिलेगा।
यह भक्ति उत्सव संत परंपरा के मूल विचारों को सहेजते हुए समाज में आपसी सद्भाव, प्रेम और एकता का संदेश देगा।
Created On: March 25, 2025