पर्यटन मंत्री ने भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन संगीत एवं कला अभिरूचि कार्यशाला-2025 का समापन तथा राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का किया लोकार्पण
राष्ट्र प्रथम की भावना से प्रेरित आज की पीढ़ी ही भारत को आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनायेगी-जयवीर सिंह
ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों का चयन कर उ0प्र0 दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा-मुकेश कुमार मेश्राम
पुनीत संदेश/स्वास्तिका सिंह
लखनऊ। 27 जून 2025।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ के ग्रीष्मकालीन संगीत एवं कला अभिरूचि कार्यशाला-2025 का समापन तथा राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का पुनः लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रेक्षागृह को पुनर्जीवित कर कलाकारों एवं रंगकर्मियों को सौंपकर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि
पर्यटन मंत्री ने उपस्थित कलाकारों एवं अन्य महानुभावों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज इस प्रेक्षागृह को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ भव्य रूप देकर फिर से उद्घाटन किया गया है। यह प्रेक्षागृह दीर्घकाल तक कला, संगीत, नृत्य और नाटकों के मंचन का केन्द्र बना रहे, इसलिए इसे उन्नत ध्वनि प्रकाश व्यवस्था से जोड़ा गया है। विभिन्न आधुनिक संयंत्रों से युक्त यह प्रेक्षागृह कलाकारों और कला प्रेमियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता रहेगा।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देश में एक माह की ग्रीष्मकालीन वर्कशाप सम्पन्न की गयी, जिसमें 600 प्रतिभागियों ने अपने प्रस्तुतियां दी। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की सनातन संस्कृति अगली पीढ़ियों के हाथों में सुरक्षित है। उन्होंने आगे कहा, भारत एक समय में विश्वगुरु था और आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति पुनः वैश्विक मंचों पर गूंज रही है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोक कलाओं को संरक्षित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में वाद्य यंत्रों की किट उपलब्ध करा रही है। शहरी एवं ग्रामीण कलाकारों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। वृद्ध कलाकारों के लिए पेंशन योजना लागू की गयी है। मा0 मोदी जी और योगी जी के नेतृत्व में वर्ष-2047 तक भारत को एक बार फिर विश्वगुरू बनाना है। इस संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। राष्ट्र प्रथम की भावना से प्रेरित आज की पीढ़ी ही भारत को आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनायेगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग श्री मुकेश कुमार मेश्राम जी ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, जो बच्चे ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, उनमें से चयन कर उन्हें आगामी ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ में सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, प्रदेश के जो कलाकार राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करते हैं, उन्हें विशेष रूप से सम्मानित करने की योजना सरकार ने बनाई है।
इस अवसर पर भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह; उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, आयुष विभाग के प्रमुख सचिव श्री रंजन कुमार, खाद्य एवं रसद विभाग के प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद, नियोजन विभाग की सचिव श्रीमती शेल्वा कुमारी जे., पद्मश्री सम्मानित सुप्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी, राय उमनाथ बली जी के पौत्र श्री स्वरेश्वर बली, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष डॉ. जयन्त खोत, बिरजू महाराज कथक संस्थान की अध्यक्ष डॉ. कुमकुम धर, पर्यटन सलाहकार जे. पी. सिंह, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन, वित्त अधिकारी श्री मनीष कुमार कुशवाहा, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ, मीडिया बंधु तथा पद्मश्री सम्मानित लेखिका डॉ. विद्या विन्दु सिंह।
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नाथ कॉरिडोर परियोजना के तहत बरेली के पशुपतिनाथ मंदिर एवं बिजनौर के गोगा जाहरवीर मेला स्थल का होगा पर्यटन विकास, खर्च होंगे करीब 02.68 करोड़ रुपए
-जयवीर सिंह
पुनीत संदेश
लखनऊ। 27 जून 2025।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बरेली के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के विकास कार्यों को मंजूरी मिली है। यह परियोजना नाथ कॉरिडोर के अंतर्गत चलाई जाएगी। योजना के तहत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा, आधारभूत सुविधाओं का विस्तार होगा तथा श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए करीब 2.30 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। इसी प्रकार, जनपद बिजनौर में गोगा जाहरवीर मेला स्थल का पर्यटन विकास कार्य लगभग 38 लाख रुपए की धनराशि से होगा।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार नाथ कॉरिडोर सहित अन्य परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी आधुनिक और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। बरेली और बिजनौर जनपद की स्वीकृत परियोजनाओं पर करीब दो करोड़ 68 लाख रुपए से पर्यटन विकास कार्य होंगे।
गौरतलब है, कि बरेली का पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर की तर्ज पर बना है। यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में 108 प्रकार के छोटे से लेकर बड़े शिवलिंग हैं। सावन के महीने में शिव भक्तों के लिए यह आकर्षण का केंद्र रहता है। दूर-दराज के इलाकों से भक्त मंदिर में जल चढ़ाने आते हैं। पर्यटन के लिहाज से भी पशुपतिनाथ मंदिर महत्वपूर्ण स्थल है। नाथ कॉरिडोर के इस महत्वपूर्ण गंतव्य के पर्यटन विकास कार्य के लिए करीब दो करोड़ 30 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है।
इसी तरह, बिजनौर के फीना गांव में लगने वाले गोगा जाहरवीर मेला स्थल का भी पर्यटन विकास किया जाएगा। इस परियोजना के लिए लगभग 38 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत हुई है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से धार्मिक स्थल के आधारभूत ढांचे एवं सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। फीना गांव में लोक देवता जाहरवीर का मेला भाद्रपद माह में लगता है। फीना गांव मिट्टी के बर्तनों के लिए भी प्रसिद्ध है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि बरेली और बिजनौर जनपद में स्वीकृत परियोजनाओं के तहत करीब 2.68 करोड़ रुपए की लागत से पर्यटन विकास कार्य कराए जाएंगे। इन परियोजनाओं से क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। पर्यटन विभाग का निरंतर प्रयास है कि प्रदेश के लोकप्रिय स्थलों के साथ-साथ अल्पज्ञात जगहों को भी मुख्यधारा में लाया जाए। विभाग का उद्देश्य है कि पर्यटन का संतुलित विकास करते हुए पर्यटन क्षेत्र की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें।
Created On: June 28, 2025