किसानों के लिए साप्ताहिक परामर्श जारी
क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की वर्ष 2024-25 की छब्बीसवीं बैठक संपन्न
पुनीत संदेश /लवकुश अवस्थी
लखनऊ- 07 मार्च 2025
प्रदेश के कृषकों को आगामी सप्ताह हेतु मौसम आधारित कृषि परामर्श क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की वर्ष 2024-25 की छब्बीसवीं बैठक डा. संजय सिंह, महानिदेशक, उप्र कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में दिनांक 07 मार्च, 2025 को परिषद के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। प्रदेश में मौसम के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किसानों को अगले दो सप्ताह हेतु कृषि प्रबन्धन के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये गयेः-
आगामी सप्ताह का मौसम पूर्वानुमान (07- 13 मार्च, 2025)
इस सप्ताह के दौरान तापमान में क्रमिक वृद्धि होने की संभावना के दृष्टिगत प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी अर्द्धशुष्क मैदानी, बुंदेलखंड एवं विध्य क्षेत्र के अधिकांश भाग तथा पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के दक्षिणी भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 2 डिग्री सेल्सियस अधिक तथा भामर तराई क्षेत्र में सामान्य के आसपास जबकि प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य से आंशिक रूप से अधिक रहने की संभावना है। प्रदेश के समस्त कृषि जलवायु अंचलों में औसत साप्ताहिक न्यूनतम तापमान सामान्य के आस-पास रहने की संभावना है। प्रदेश के भाभर तराई क्षेत्र के पश्चिमी भाग एवं पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के उत्तरी भाग में औसत साप्ताहिक न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस जबकि प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में यह 12 से 14 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
आगामी द्वितीय सप्ताह के मौसम का दृष्टिकोण (14-25 मार्च, 2025)
इस सप्ताह के आरंभिक चरण में एवं संलग्न पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में कहीं-कहीं हल्की वर्षा होने जबकि प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में मौसम मुख्यतया शुष्क रहने की संभावना है। प्रदेश के भाभर तराई क्षेत्र के अधिकांश भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य के आस-पास तथा मध्य पश्चिमी मैदानी, पश्चिमी मैदानी एवं मध्य मैदानी क्षेत्र के उत्तरी भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य से आंशिक रूप से अधिक जबकि प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है।
मौसम के परिप्रेक्ष्य में किसानों को फसल प्रबन्धन हेतु निम्नलिखित सुझाव दिये जाते है:-
तापमान सामान्य से अधिक होने के पूर्वानुमान के दृष्टिगत खेतों में पर्याप्त नमी बनाये रखें।
* आगामी पखवारे में तापमान बढ़ने की स्थिति में गेहूँ में 0.5-1 प्रतिशत पोटैशियम नाईट्रेट का पर्णीय छिड़काव करें।
* जो खेत खाली हैं उन खेतों की मृदा की जांच करा लें तथा मृदा की जांच के आधार पर ही संस्तुत उर्वरकों का प्रयोग करें।
* सरसों की कटाई के बाद 8 प्रतिशत नमी होने पर ही भण्डारण करें।
* दलहनी फसलों में सेमीलूपर कीट के नियंत्रण हेतु फिप्रोनिल 5 एस.सी. 500 मि.ली. का 600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हे. की दर छिड़काव करें।
* मटर / मसूर में फली छेदक/फली बेधक कीट के प्रकोप होने पर नियंत्रण हेतु फूल एवं फलियां बनते समय 5 फरोमोन ट्रैप और 2 प्रकार प्रपंच प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में लगायें तथा नीम के बीज आर्क (5 प्रतिशत) प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें या इमामैक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत एस.जी. का 5 ग्रा. 16 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें अथवा इंडोक्साकार्ब 14.5 प्रतिशत का 200 मि.ली. को 600 ली. पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें।
* मेंथा की रोपाई का सही समय है किसान भाई मेंथा फसल की रोपाई लाइन से लाइन या मेड़ बनाकर इसी माह में कर लें। पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिगत मेंथा की बुवाई केवल तराई क्षेत्रों में करें।
* लालसड़न रोग से संक्रमित गन्ने की किस्म को. 0238 की बुवाई न करें।
* अधिक आय व मृदा उर्वरता बढ़ाने हेतु बसंतकालीन गन्ने के साथ अंतःफसल के रूप में मूंग, उर्द, मूंगफली एवं लोबिया की बुवाई करें।
* अगेती आलू की खुदाई एवं सरसों की कटाई के बाद खाली हुये खेतों में ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग, उर्द, तिल, मूंगफली एवं सूरजमुखी की बुवाई हेतु खेत की तैयारी करें।
* आम की फसल में मुनगा कीट का प्रकोप दिखाई पड़ने पर इमिडाक्लोप्रिड अथवा क्यूनॉलफॉस 2 मि.ली. को प्रति ली. पानी में घोलकर बनाकर छिड़काव करें।
* आम के पाऊडरी मिल्ड्यू की रोकथाम के लिये टाईडिमार्फ अथवा पेनकोनाजोल अथवा फेनारीमॉल 1 मि.ली. प्रति ली. पानी अथवा सल्फेक्स पाऊडर 2 ग्रा. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
पंगेशियस प्रजाति की मछलियों के संचयन हेतु मौसम अनुकूल है अतः 15 ग्रा. से 20 ग्रा. की अंगुलिकाओं का संचयन 20,000 से 25,000 प्रति हे. की दर से करें।
* राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में कार्यान्वित भेड़, बकरी, सूकर, कुक्कुट, खाद्य चारा परियोजना में रोजगार के लिये पशुपालन विभाग / पशुचिकित्सालयों से सम्पर्क करें।
* बसंत शहतूती व्यवसायिक फसल, 2025 एवं बसंत एरी व्यवसायिक फसल का चाकी कीटपालन कार्य प्रगति पर है। इस हेतु कीटपालकों/कृषकों को सुझाव दिया जाता है कीटपालन गृह में आवश्यक तापमान एवं आर्द्रता बनाए रखें तथा कीटों की साफ-सफाई एवं फीडिंग समय से करें।
* नये पौधे के रोपण हेतु 45x45 X45 से.मी. के गड्डे यथाशीघ्र खोद लें।
* उर्द की सम्पूर्ण उ.प्र. हेतु संस्तुत प्रजातियों यथा प्रताप उर्द-1, वल्लभ उर्द-1, आई.पी.यू. 11-2, पंत उर्द-10, आई.पी.यू. 13-1, टाइप-9, नरेन्द्र उर्द-1, आजाद उर्द-1, उत्तरा, आजाद उर्द-2, व शेखर-2 आदि की बुवाई करें।
Created On: March 08, 2025